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कानपुर ब्यूरो रिपोर्ट
कानपुर। सरकारी हैलट हॉस्पिटल मैं घूम घूम के पैथोलॉजी का एजेंट हर वार्डों में सैंपल लेते हैं पैसा लेकर जांच करते हैं।
सोचने योग्य बात है क्या किसी सक्षम अधिकारी या डॉक्टर के बिना बाहर के पैथोलॉजी के एजेंट कैसे मरीज का सैंपल ले सकते हैं । इससे जाहिर होता है पैथोलॉजी और कर्मचारी का गठजोड़ समझ में आता है।
रविवार को वार्ड नंबर 7 में न्यूरोलॉजी विभाग के मरीजों के ब्लड सैंपल लेता हुआ एजेंट पकड़ा गया उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया वार्ड में एक एजेंट न्यूरो मरीजों को रसीद देखकर रिपोर्ट दे रहा था साथ ही सैंपल भी ले रहा था इसी बीच फीस लेने के बाद भी रिपोर्ट नहीं मिलने पर एक मरीज के तीमारदार उससे भीड़ गया विवाद की सूचना पर ईएमओ डॉ आशीष श्रीवास्तव सुरक्षा गार्डों के साथ वार्ड नंबर 7 पहुंचे तो एजेंट भागने लगा गार्डों ने दौड़ा कर उसे पकड़ लिया एजेंट ने अपना नाम अरुण जीशान बताया ईएमओ और पुलिस को पूछताछ बताया कि उसे डॉक्टर वर्षा ने बुलाया था । मरीजों को रिपोर्ट देने और सैंपल लेने की बात से मुकर गया पर उसके पास बरामद बड़े डब्बे ने पोल खोल दी जिसमें मरीजों के सैंपल और रिपोर्ट पाई गई रिपोर्ट में बाहर के सेंटर का जिक्र है।
ऐसे में मेडिकल कॉलेज के प्रराचार्य को ऐसे डॉक्टरों पर कार्रवाई करनी चाहिए जिसमें दोबारा हैलट हॉस्पिटल की छवि को ना खराब कर सकें।
सरकारी हॉस्पिटलों में गरीब किसान मजदूर ज्यादातर लोग आते हैं पैसे का अभाव रहता हैं। कैसे इलाज कराते हैं जहां एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री सारी व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने की सोच रहे हैं जिससे गरीब असहाय और सभी का इलाज हो सके।
सरकारी हैलट अस्पताल परिसर में मरीजों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए पीतांबरा फार्मेसी मेडिकल सेंटर खोली गई है यहां पर बाजार से भी महंगे दामों पर दवाइयां बेची जा रही है बाजार में ₹30 में बिकने वाली एंटीबायोटिक दवाएं यहां खुलेआम 3 गुना दाम अरे ₹90 में बेची जा रही है रोजाना इसके काफी परिचय पीतांबरा फार्मेसी के काउंटर पर पहुंच रहे हैं मरीज को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के इस खेल में है लटके कुछ डॉक्टर भी शामिल बताए जा रहे हैं जो इन दिनों लगातार इस दवाइयों को लिख रहे हैं इस दवाई में विटामिन सी फॉलिक एसिड संघ मैथिल कोबालामिन पड़ी है कई ने इसी साल की दवाई को बाजार से खरीदा तो उन्हें खुद संग हुए ठगी का एहसास हुआ।
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