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जिला कानपुर देहात ब्यूरो
थाना रूरा
आगजनी से हुई मां बेटी की मौत
कानपुर देहात के मंडोली गांव में अतिक्रमण हटाने के दौरान अचानक लगी आग से मां बेटी को बचाने की बजाय जांबाज पुलिस अफसर की टीम और एसडीएम राजस्व की टीम के सामने कृष्ण गोपाल दीक्षित का परिवार जलता रहा और जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी आग के हवाले हुई झोपड़ी को जेसीबी से दबा दिया झोपड़ी के अंदर मां बेटी जलकर मर गई लेकिन इनको थोड़ा भी दर्द नहीं महसूस हुआ।
सिर्फ प्रशासनिक अधिकारी खाना पूरी करते नजर आए आग ने विकराल रूप ले लिया इन जिम्मेदार अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों का अहसास सायाद नही है।
पुलिस जनता को सुरक्षा का एहसास दिलाती है लेकिन ऐसे पुलिस अधिकारी व टीम के सामने मां, बेटी झोपड़ी में होने के बावजूद राजस्व कर्मचारियों भी झोपड़ी में अन्दर थे आग कैसे लगी यह जांच का विषय है।
लेकिन जिम्मेदार पुलिस अफसरों के सामने मां, बेटी आग से जलती रही लेकिन किसी ने बचाने का प्रयास भी नहीं किया सिर्फ खानापूर्ति होती रही
वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है जब दरवाजा बंद हुआ राजस्व की टीम अंदर थी मां बेटी भी अंदर थे आग किसने लगाई कैसे लगी यह जांच का विषय है।
मौजूद पुलिस अधिकारी महिला सिपाही को आगे भेज रहे थे लेकिन अपना खुद पीछे थे महिला सिपाही ने दरवाजा खुलवाया व भी खाना पूर्ति करती रही दरवाजा खुलने के बाद अंदर कोई नहीं गया और जेसीबी मैं बैठे चालक ने झोपड़ी को गिरा दीया और मां बेटी उसी में दब गए आग ने विकराल रूप ले लिया और मां बेटे जल गई जिम्मेदार पुलिस अधिकारी और राजस्व टीम सभी लोग तमाशा ही देखते रहे किसी ने बचाने का कोई प्रयास नहीं किया।
गांव वालों को पता चलने पर लोग इकट्ठा हुए पथराव शुरू कर दिया तभी गाड़ी छोड़कर राजस्व टीम व पुलिस टीम भागी।
शिवम ने आरोप लगाया की लगभग सौ वर्षो से पूर्वजों द्वारा जमीन पर लगाए गए बगीचे और मकान बना हुआ था मां पिता बहन और छोटा भाई अंश यहां रहते थे 13 जनवरी को मकान को एसडीएम मैंथा के निर्देश पर लेखपाल ने मकान गिरवा दिया था इसके बाद सोमवार शाम एसडीएम मैथा , लेखपाल अशोक सिंह एसओ रूरा दिनेश गौतम 1012 महिला पुरुष पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर आ गए उस वक्त परिवार झोपड़ी में आराम कर रहा था या लोग बिना सूचना दिए जेसीबी से मकान गिराने लगे बेटे शिवम की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
शिवम ने पहले जो तहरीर दी थी उसमें जिले के बड़े अधिकारी व सहयोगी अधिकारी पर साजिश का आरोप लगाया गया था अफसरों की तमाम कोशिशों के बाद उन अधिकारियों का नाम हटाकर तहरीर देने पर रिपोर्ट दर्ज करने की कार्रवाई हुई।
ग्रामीणों के बताने के अनुसार प्रशासन बड़े भू माफिया पर कार्रवाई करने में हिचकी आने वाले अफसरों ने 13 जनवरी को कृष्ण गोपाल का कमरा बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया था बिना सूचना या नोटिस के अचानक हुई कार्यवाही से बेघर हुए परिवार ने एसडीएम मैथ के पैरों पर गिरकर गुहार लगाई थी लेकिन अफसर नहीं पसीजा तभी कृष्ण गोपाल को माफिया बताकर बाकी कब्जा भी ध्वस्त करने का अल्टीमेटम दिया था सर्दी में गरीब का घर बढ़ाने व प्रशासन की संवेदनहीनता पर वह पहुंचे भीम के आदेश शुक्ला व गौरव शुक्ला की एसडीएम प्रशासन केशव गुप्ता से झड़प हुई थी और आवाज दबाने के लिए सभी पर अकबरपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करा दिया था घटना के जानकारी के उपरांत कमिश्नर डॉ राजशेखर एडीजी आलोक सिंह और आईजी प्रशांत कुमार मौके पर पहुंचे अफसरों ने पीड़ित परिवार से बात की और न्याय दिलाने का भरोसा दिया घटना के बाद परिजनों और ग्रामीणों का आक्रोश देख अफसर मौके पर पहुंच गए देर गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री से सवाल
हर जिले में लगभग भूमाफिया है जो सरकार की राजस्व की जमीन को कब्जा किए हैं और फर्जी तरीके से अपने परिजनों के नाम करवाए हुए हैं आखिर इनकी जांच कब होगी और इन पर काारवाही आखिर क्यों नहीं होती है।
क्योंकि यह मंत्रियों के रिश्तेदार होते हैं किसी नेता के साथी होते हैं किसी बड़े अफसर के भाई होते हैं यह समाज में दबंग व पैसे वाले होते हैं लेकिन पैसे वाले भूमाफिया पर कोई कार्रवाई आखिर क्यों नहीं होती इतनी बड़ी घटना होने के बाद क्या कानपुर देहात के जिम्मेदार अधिकारियों की आंखों में आंसू नहीं आया किसी का परिवार खत्म हो गया पत्नी खत्म हो गई बेटी खत्म हो गई मकान जल गया।
कब्जे की कार्रवाई अगर होनी है तो परिजनों के बताने के अनुसार लगभग 100 वर्षों से कब्जे था उस समय कब्जा जब हुए थे तो क्यों कब्जा करने दिया गया था इससे पूर्व में जितने भी राजस्व अधिकारी चार्ज पर रहे है तो उनके ऊपर भी जांच किया जाना न्याय हित में है।
आखिर जिम्मेदार एसडीएम मैथा लेखपाल नैब तहसीलदार ने इस जमीन पर अपनी प्रतिष्ठा क्यों बना ली और अगर खाली कराना ही था तो पूरी सुरक्षा के इंतजाम करके अतिक्रमण हटाना चाहिए था आग कैसे लगी यह वायरल वीडियो में नहीं पता चल रहा राजस्व के कर्मचारी झोपड़ी में मौजूद थे दरवाजा बंद होने के बाद आग लगी दरवाजा खुल गया था इसके बाद भी पुलिस टीम द्वारा बचाने का प्रयास किसी ने नहीं किया यह जिम्मेदार अपनी ड्यूटी से कैसे मुकर गए।
क्या कारण रहा सक्षम अधिकारी की पूरी लापरवाही रही ऐसा ग्रामीणों का आरोप है।
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