शिक्षा को लेकर क्या है आपका अधिकार और मुफ्त शिक्षा पाने का हक

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शिक्षा जगत को लेकर केंद्र सरकार ने 2002 में संविधान में 86 वें संशोधन के जरिए अनुच्छेद 21a को शामिल कर शिक्षा को मौलिक अधिकार घोषित किया था। केंद्र ने 1 अप्रैल 2010 से शिक्षा के अधिकार अधिनियम को देशभर में लागू किया इससे पहले शिक्षा संवैधानिक अधिकार था। केंद्र सरकार ने पिछले साल सितंबर में आरटीआई में संशोधन करते हुए सभी स्कूलों में चाहे वह सरकारी हो या निजी कम से कम एक विशेष शिक्षक की नियुक्ति को अनिवार्य कर दिया है। इस प्रकार 15 लाख विशेष शिक्षकों की जरूरत होगी आरटीआई कानून को लागू हुए लगभग 13 वर्ष हो गए लेकिन अब तक यह कानून प्रभावी तरीके से लागू नहीं हो सका। सरकार के साथ ही समाज को लीगल एंड क्लीनिक के तहत कानून को प्रभावी तौर पर लागू करने के लिए आगे आना चाहिए आरटीआई अधिनियम के तहत बच्चों को नजदीक के स्कूल में दाखिला पाने का भी पूरा हक है। सरकार बच्चों को खोज कर लाए और दाखिला कराएं सरकार सुनिश्चित करें कि कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे यह सरकार की जिम्मेदारी है। 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के आए वर्ग और वंचित समूह के बच्चे को निजी और विशेष स्कूलों में 25 फ़ीसदी सीटों पर मुफ्त शिक्षा पाने का हक है शिक्षा पाने की राह में बच्चों को आने वाली हर बाधा को दूर करना और कॉपी किताब वर्दी फीस यहां तक कि दिव्यांग बच्चों को पढ़ने के लिए विशेष उपकरण आदि का प्रबंध भी सरकार को करने की जिम्मेदारी है।

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